Haryana: जेजेपी प्रत्याशी नैना चौटाला के काफिले पर हमला, गाड़ी पर ईंटेे मारी
- By Vinod --
- Friday, 10 May, 2024
JJP candidate Naina Chautala's convoy attacked
JJP candidate Naina Chautala's convoy attacked- चंडीगढ़। हिसार लोकसभा के अंतर्गत आने वाले जींद जिले के उचाना उपमंडल के गांव रोजखेड़ा में शुक्रवार दोपहर बाद चुनाव प्रचार के लिए आई जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) की प्रत्याशी नैना चौटाला के काफिले पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में एक महिला कार्यकर्ता का हाथ टूटा गया जबकि कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं। सभी नागरिक अस्पताल उचाना में दाखिल करवाया गया है। दिग्विजय चौटाला ने कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश पर हमला करवाने के आरोप लगाए हैं। वहीं दुष्यंत चौटाला भी नागरिक अस्पताल उचाना में पहुंच गए हैं।
नैना चौटाला का काफिला दोपहर बाद उचाना के रोज खेड़ा गांव में पहुंचा था। यहां कुछ लोगों ने उनका विरोध कर दिया। देखते ही देखते कुछ लोगों ने काफिले पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसमें एक गाड़ी का शीशा टूट गया तथा एक महिला कार्यकर्ता का हाथ टूटा गया। इसके अलावा महिला कार्यकर्ता के कपड़े भी फट गए।
वहीं कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को भी चोटें आई हैं। दिग्विजय चौटाला ने घटनाक्रम के बाद एक वीडियो जारी कर हिसार लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने कुछ बदमाश भेजकर उनकी माताजी के काफिले पर हमला करवाया गया है। जयप्रकाश का इस प्रकार के हमले करवाने का इतिहास रहा है।
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जिस गांव में काफिला गया था, हमलावर उस गांव के नहीं हैं बल्कि आसपास के गांवों से भेजे गए थे। उनकी पहचान हो गई है। जेजेपी इस प्रकार के हमलों से डरने वाली नहीं है। उनकी माता जी ठीक हैं, लेकिन कुछ कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं। चौटाला ने कहा कि जयप्रकाश जैसे लोगों ने राजनीति का स्तर काफी नीचे गिरा दिया है।
इन कार्यकर्ताओं को आई चोट-
जेजेपी किसान सेल के पूर्व हलकाध्यक्ष ज्ञानी तारखा, महिला हलकाध्यक्ष मुकेश डूमरखा, सीमा बद्दोवाला सहित छह कार्यकर्ताओं को चोट आई। सभी को उपचार के लिए उचाना के नागरिक अस्पताल में लेकर जाया गया। डीएसपी नवीन कुमार ने बताया कि जो भी शिकायत आएगी उस पर कार्यवाही की जाएगी।
पुलिस बल की मौजूदगी में हुए कार्यक्रम
पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यालय आने के बाद स्थगित किए गए कार्यक्रमों को दोबारा से करने का फैसला लिया। जींद से पुलिस बल भी प्रशासन द्वारा भेजा गया ताकि किसी तरह की कोई घटना न हो। बड़ौदा गांव से दोबारा से कार्यक्रमों की शुरूआत की गई।